बारां/
छीपाबड़ौद स्थित गैस एजेंसी का एक जर्जर वाहन हाल ही में हरनावदाशाहजी की सड़कों पर बिना नंबर प्लेट के दौड़ता देखा गया है, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। वाहन की हालत बेहद खराब है—ना तो आगे हेडलाइट है, ना ही बंपर, और न ही आवश्यक रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगी हुई है। इसके बावजूद यह गाड़ी कस्बे में खुलेआम गैस सिलेंडर वितरित करती रही, जिससे स्थानीय लोगों में रोष और चिंता का माहौल है।सड़क सुरक्षा पर जोखिमइस तरह का खटारा वाहन चलाना ना सिर्फ मोटर वाहन नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह सड़क पर चलते अन्य लोगों की जान और संपत्ति के लिए भी खतरा बन सकता है।बिना नंबर प्लेट वाले वाहन यदि किसी हादसे में शामिल हो जाएँ, तो उसकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है, जिससे कानूनी कार्रवाई में भी बाधा आती है।कानून और नियमभारत में बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना प्रतिबंधित है और इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कड़ी सजा व जुर्माने का प्रावधान है।वाहन की फिटनेस, बीमा, रजिस्ट्रेशन, ब्रेक व हेडलाइट जैसी अनिवार्य सुरक्षा जांचें पूरी होनी चाहिए; जर्जर और असुरक्षित वाहनों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।स्थानीय लोगों की मांगस्थानीय नागरिकों ने प्रशासन व परिवहन विभाग से यह मांग की है कि बिना नम्बर प्लेट, फिटनेस व सुरक्षा मानक पूरे नहीं करने वाले खटारा वाहनों के विरुद्ध तुरंत सख्त कार्रवाई हो।खास तौर पर गैस जैसी ज्वलनशील वस्तुओं के परिवहन में शामिल वाहनों की नियमित जांच व सत्यापन हो ताकि किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका को रोका जा सके।प्रशासन व विभागों की जिम्मेदारीप्रशासन, थाना पुलिस और परिवहन विभाग को चाहिए कि ऐसे नियम तोड़ने वाले और सड़कों पर खतरा बन चुके वाहनों की पहचान कर, उन्हें जब्त करें और जिम्मेदार एजेंसियों अथवा मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें।यह मुद्दा क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा संवेदनशील मामला बन चुका है, जिस पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई की जरूरत महसूस की जा रही है
