आवाजाही बाधित, ठंड मे भी कई मोहल्लों की जलापूर्ति ठप, कस्बेवासियों में बढ़ता रोष
संजय चौरसिया
बारां/छीपाबड़ौद/हरनावदाशाहजी।
कस्बे के छीपाबड़ौद मुख्य मार्ग पर शिवालय गुफा के समीप निर्माणाधीन नई चौड़ी पुलिया आमजन के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गई है। रियासतकालीन पुरानी पुलिया को तोड़े एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद न तो निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है और न ही वैकल्पिक मार्ग की स्थिति में कोई सुधार हो पाया है।
रविवार को निरीक्षण के दौरान पीडब्लूडी विभाग के सहायक अभियंता (एईएन) राजेन्द्र बैरवा द्वारा सोमवार सुबह तक समाधान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन सोमवार को पीडब्लूडी के ठेकेदार ने मेला मैदान स्थित वैकल्पिक मार्ग पर केवल मिट्टी डाल दी। इससे मार्ग पर कीचड़ और फिसलन पहले से अधिक बढ़ गई, जिससे पैदल राहगीरों, स्कूली बच्चों और दुपहिया वाहन चालकों की परेशानी और बढ़ गई है।
जल निकासी पूरी तरह नाकाम
निर्माण स्थल और वैकल्पिक मार्ग दोनों जगह जलभराव की स्थिति जस की तस बनी हुई है। पानी निकासी के लिए अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। गड्ढों में भरे पानी और फैली कीचड़ के कारण मार्ग अत्यंत खतरनाक हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मिट्टी डालने से पानी फैल गया और फिसलने का खतरा कई गुना बढ़ गया है।
आवाजाही ठप, जलापूर्ति भी बाधित
मुख्य मार्ग बंद होने से 49 मील नई बस्ती, मेव बस्ती, सरकारी चिकित्सालय सहित कई क्षेत्रों में आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो रही है। वहीं पुलिया निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त पाइपलाइन के कारण तिलक स्कूल के पास का मोहल्ला, बागरी मोहल्ला, बोरखेड़ी मार्ग क्षेत्र और सालरखो गांव की जलापूर्ति अब भी ठप पड़ी है। कड़ाके की सर्दी में लोगों को दूर-दराज के कुओं व जल स्रोतों से पानी लाना पड़ रहा है।
निरीक्षण के बाद भी हालात जस के तस
रविवार देर शाम एईएन राजेन्द्र बैरवा ने निर्माण स्थल का जायजा लिया था। उन्होंने बताया था कि पुलिया निर्माण से पूर्व मेला मैदान होकर वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था, जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो गया है। जलभराव के कारण पिछले एक सप्ताह से निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। ठेकेदार को वैकल्पिक मार्ग दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर नजर नहीं आया।
एसडीएम के निर्देश भी बेअसर
इस संबंध में एसडीएम अभिमन्यु सिंह कुंतल ने आमजन की परेशानी को देखते हुए संबंधित विभागों को वैकल्पिक मार्ग सुचारू करने, जल निकासी कराने और निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक हालात में कोई ठोस सुधार नहीं हो सका है।
कस्बेवासियों में उबाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि मजबूत वैकल्पिक मार्ग और जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था किए बिना पुरानी पुलिया तोड़ना बड़ी प्रशासनिक चूक साबित हुई है। एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बाद भी हालात नहीं सुधरने से कस्बेवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
रिपोर्ट- संजय
